लखनऊ- लखीमपुर खीरी में किसानों को कथित तौर पर कुचलने के मामले के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष ने सरेंडर कर दिया है। पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते आशीष को एक हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था। SC ने यह भी कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना। FIR, पीड़ित परिवार के पक्ष और बाकी तमाम बिंदुओं पर विचार करते हुए आशीष की जमानत तत्काल रद्द कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि आशीष मिश्रा को 26 अप्रैल से पहले सरेंडर करना होगा। दो महीने पहले कोर्ट का फैसला आशीष मिश्रा के पक्ष में था, लेकिन अब दो महीने बाद अचानक से सीन बदल गया है। हालांकि सरेंडर करने के बाद भी आशीष के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत की नई याचिका दायर करने का रास्ता खुला हुआ है।

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आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र है. आशीष मिश्रा को दोबारा लखीमपुर खीरी की जेल में भेज दिया गया है. पिछले साल अक्टूबर में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना हुई थी. इसमें केंद्रीय मंत्री के पुत्र पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल भेज दिया गया था.
बीते 15 फरवरी को आशीष मिश्र जेल से बाहर आ गया था. जमानत आदेश को रद्द करने के लिए किसान परिवार 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट गए. 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश पर फैसला सुरक्षित कर लिया. फिर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत को रद्द करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया.
इस हिंसा मामले में सिर्फ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र मोनू को ही जमानत मिली थी. इसके अलावा मामले के 12 अन्य आरोपी अभी भी जेल में हैं. आशीष के एक अन्य रिश्तेदार को भी जमानत मिल गई थी. इसके अलावा अंकित दास, सुमित जायसवाल समेत 12 आरोपी लखीमपुर जिला जेल के सलाखों के पीछे हैं.
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