रांची: हिंदपीढ़ी में पेट दर्द से युवक की मौत, FIR दर्ज करने की मांग लेकर सैकड़ों की संख्या में धरने पर बैठे लोग
हिंदपीढ़ी के ग्वाला टोली में रहने वाले एक युवक की पेट दर्द से बुधवार सुबह मौत हो गई. युवक की मौत के बाद जमकर बवाल मचा. परिजन और मोहल्ले वाले हंगामा करते हुए धरना पर बैठ गये. परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाज के अभाव में आसिफ की जान गई. उसकी मौत के लिए डॉक्टर जिम्मेदार हैं. आक्रोशित लोगों ने डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. इसी मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग धरने पर बैठ गए.उसको तेज बुखार था, इसलिए कोरोना संदिग्ध समझते हुए दो अस्पतालों ने इलाज करने से इनकार कर दिया। जानकारी के मुताबिक ग्वाला टोली के रहने वाले 18 वर्षीय युवक आसिफ की बुधवार सुबह मौत हो गई. उसको चार दिन पहले पेट में दर्द की शिकायत पर अंजुमन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. वहां इंजेक्शन और स्लाइन चढ़ाने के बाद उसकी तबीयत ठीक हो गई. वहां से ईद के दिन दोपहर में घरवाले उसे घर ले आए. लेकिन घर ले जाने से पहले डॉक्टर ने परिजनों को आसिफ का अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी थी. आज सुबह फिर उसके पेट में दर्द शुरू हुआ. घरवाले आनन-फानन में उसे लेकर कांटाटोली स्थित नर्सिंग होम ले गए. आरोप के मुताबिक वहां तीन घंटा इंतजार के बाद अल्ट्रासाउंड करने वाला टेक्नीशियन आया. लेकिन आसिफ को तेज बुखार होने की बात कहकर उसने अल्ट्रासाउंड करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे गुरुनानक अस्पताल ले गए. वहां भी डॉक्टरों ने तेज बुखार को देखते हुए कोरोना जांच कराने के बाद ही अल्ट्रासाउंड करने की बात कही. तब परिजन उसे वहां से लेकर रिम्स ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में पेट दर्द से तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्वाला टोली के लोग काफी आक्रोशित हो गए और डॉक्टरों को आसिफ की मौत का जिम्मेदार बताते हुए उस पर कार्रवाई की मांग करने लगे. हंगामे की सूचना पर तत्काल वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया. इस सिलसिले में निजी क्लिनिक के डॉक्टर पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय लिया गया है.
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