रांची- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राहत दी है. कोर्ट ने मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ में मामले पर सुनवाई हुई. सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि झारखंड हाई कोर्ट में शिव शंकर शर्मा की तरफ से दो जनहित याचिका दायर की गयी है, जो भयादोहन के लिए किया गया है. याचिका संख्या 4290 ऑफ 2021 और 727 ऑफ 2022 मामला भी कुल मिला कर इसी तरह का है. यह पीआइएल एक्सटॉर्शन के लिए हुआ है.
शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस की तरफ से 50 लाख रुपये नगद के साथ गिरफ्तार किये जाने का हवाला कपिल सिब्बल ने दिया. उन्होंने कई और जानकारियां भी कोर्ट को दी. बाद में कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर है. राज्य सरकार के द्वारा जनहित याचिका से जुड़े तमाम दस्तावेज अदालत में पेश किए गए. पीठ में याचिका दर्ज होने के पूर्व विभाग एवं संबंधित पार्टी को दी जाने वाली रीप्रजेंटेशन कॉपी भी दी गई. इस अवसर पर ईडी एवं भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया मौजूद रहे.
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