पटना- बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. अनंत सिंह के करीबी कार्तिकेय सिंह नए कानून मंत्री बनाए गए. जिसके बाद विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में लगी है. आरोप है कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी है. इसी बीच कानून मंत्री के वकील मधुसूदन शर्मा मीडिया के सामने आए और सभी आरोपों पर खुलकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि किसी को कोई जानकारी नहीं है, विपक्ष सिर्फ मिथ्या आरोप लगा रहा है. मीडिया बेवजह मामले को तूल दे रहा है.
मधुसूदन शर्मा ने कहा कि भारतवर्ष में संविधान सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि जिस मामले में कार्तिकेय सिंह को घसीटा जा रहा है, उसकी सुनवाई दानापुर सब-डिवीजन में हुई थी. सुनवाई में कानून मंत्री के गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया गया है. उन्होंने ईटीवी भारत संवाददाता से कहा कि मीडिया इस पूरे मामले को बेवजह तूल दे रहा है. जबकि पुलिस के चार्जशीट में कार्तिकेय कुमार नामजद नहीं है.

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उन्होंने कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद है, तथ्य से परे हैं. किसी आदमी को तथ्य की कोई जानकारी नहीं है. ऑफ द रिकार्ड जिनको जितना बोलना है, सब मीडिया पर भाषण दे रहे हैं. कानून मंत्री के खिलाफ कोई वारंट नहीं है. विपक्ष सिर्फ मिथ्या आरोप लगा रहा है. उन्होंने दानापुर सब-डिवीजन का आर्डर कॉपी का हवाला देते हुए कहा कि बीते 12 अगस्त को गिरफ्तारी पर रोक लगी है, जो अभी तक जारी है. आज के तारीख में कानून मंत्री के खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है.
मधुसूदन शर्मा ने कहा कि पुलिस ने जब इस पूरे मामले की जांच की तो कार्तिकेय कुमार की भूमिका का प्रस्तुत किए गए चार्ज सीट में भी कोई जिक्र नहीं किया गया है. पुलिस ने इस पूरे मामले का अनुसंधान करके न्यायालय में चार्जशीट में प्रस्तुत कर दिया है और उसी आधार पर 12 अगस्त को कोर्ट ने वर्तमान कानून मंत्री के गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और कहीं ना कहीं इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष साजिश रच रहा है. उन्होंने साफ तौर पर कानून मंत्री पर लगाए सभी आरोपों को खारिज कर दिया.
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