झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मधु कोड़ा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कोयला घोटाला मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अपील की थी. याचिका में चुनाव लड़ने देने की मांग भी की गयी थी. जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।न्यायमूर्ति विभु बाखरु ने कहा कि व्यापक राय यह है कि अपराधों से जुड़े व्यक्तियों को सार्वजनिक पदों के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. लिहाजा कोड़ा के पाक-साफ होने तक दोषी करार दिये जाने पर रोक लगाना ठीक नहीं है. कोड़ा ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी दोषसिद्धी पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. अदालत ने 19 मार्च को उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता को तब तक सार्वजनिक पदों के चुनाव लड़ने देने की अनुमति देना ठीक नहीं है, जब तक कि वह निर्दोष साबित न हो जाएं.’ एक निचली अदालत ने कोड़ा को झारखंड स्थित कोयला ब्लॉकों के कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को आवंटन में 2017 में भ्रष्टाचार और षडयंत्र का दोषी पाया था. बताते चलें कि मधुकोड़ा विधायक रहते हुए मुख्यमंत्री बनने वाले भारत के तीसरे नेता थे. मधु कोड़ा भारत के किसी भी राज्य में निर्दलीय विधायक के रूप में 23 महीने के लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं. अक्सर चर्चा में रहने वाले मधु कोड़ा का नाम कोयला घोटाले में भी आया था और 2017 में एक अदालत ने उन्हें 3 साल जेल और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.
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