रांची- 3 मई को अक्षय तृतीया है और इस दिन बड़ी संख्या में विवाह होते हैं. अक्षय तृतीया को लेकर इस बार रांची जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. ताकि इस दिन बाल विवाह न हों, इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी मुस्तैदी रखी जाएगी. जहां भी शादी होगी वहां लड़के और लड़की के उम्र की जांच की जाएगी.
इसको लेकर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शत्रुंजय कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय में बैठक आयोजित की गई. जिसमें सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बाल विवाह रोकने को लेकर विशेष ध्यान रखें. खासकर अक्षय तृतीया के दिन शहर और गांव में होने वाली शादियों पर भी विशेष नजर रखें. जहां शक हो वहां लड़का और लड़की की उम्र की जांच कर तसल्ली कर लें। नाबालिग की शादी करना और उसमें शामिल होना भी अपराध की श्रेणी में आता है.

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जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनिमय-2006 के अनुसार लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो यह बाल विवाह है. जो एक गैर जमानती अपराध है. उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है. इसे रोकने के लिए आम जनता को प्रशासन की मदद करनी चाहिए.
बाल विवाह रोकने को लेकर सोमवार को स्कूलों में अभिभावकों के साथ सेविका और सहायिका के द्वारा मीटिंग की जाएगी. अभिभावकों को बताया जाएगा कि किसी भी हाल में बाल विवाह ना करें. ऐसा करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
इसके साथ ही लंबे समय से स्कूल नहीं आ रही बच्चियों की जानकारी जिला प्रशासन लेगा. घर-घर में जांच कराई जाएगी और यह पता किया जाएगा कि नहीं उस बच्ची का बाल विवाह तो नहीं किया गया या करने की तैयारी है. ऐसा होने पर अभिभावकों को समझाया जाएगा.
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