झारखण्ड वासियों के अधिकार पर अब नहीं होगी सेंधमारी, स्थानीय ठेकेदार को दी जायगी योजनाओं में प्राथमिकता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखण्ड वासियों के अधिकार पर अब कोई सेंधमारी नहीं करेगा। घोषणा पत्र में किये हुए हर वादे को हम जल्द से जल्द पूरा करने हेतु कृतसंकल्पित हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि स्थानीय लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगी। स्थानीय ठेकेदार को ही योजनाओं में प्राथमिकता दी जायेगी। ताकि वे योजनाओं में कार्य कर राज्य के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। झारखंड राज्य में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। शीघ्र ही सरकार मंत्रिपरिषद की बैठक में एक प्रस्ताव लाएगी जिसके तहत स्थानीय निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा उनको रोजगार का अवसर प्रदान करने की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाया जायेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में अपनी सहमति प्रदान कर दी है। राज्य सरकार द्वारा निकाली जाने वाली 25 करोड़ रूपये तक की विकास योजनाएं अब ऐसे संवदेकों को दी जा सकेंगी जो झारखंड में निबंधित हों। राज्य के आधारभूत संरचना के विकास में लोक निर्माण विभाग के कार्यों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अवसर प्रदान किया जाता है. दरअसल उल्लिखित कार्यों हेतु प्रकाशित निविदाओं में बाहरी निविदादाताओं से प्रतिस्पर्धा के कारण राज्य के स्थानीय निविदादाताओं अथवा संवदेकों की उचित भागीदारी नहीं हो पाती थी । मुख्यमंत्री का प्रयास है कि राज्य में रोजगार सृजन की दिशा में कुछ कठोर कदम उठाए जाएं ताकि प्रवासी मजदूरों को भी राज्य में ही रोजगार मिल सके। अब जो प्रस्ताव आ रहा है उससे भवन निर्माण विभाग, झारखंड से प्रकाशित 25 करोड़ रूपये तक की निविदा में केवल झारखंड के स्थानीय निवासी ही भाग ले सकेंगे। कोरोना संक्रमण काल में राज्यों से प्रवासियों का पलायन जारी है. ऐसे में प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध करने की जिम्मेवारी अब राज्य की सरकारों पर आ गयी है. सरकारें भी प्रवासियों को आश्वस्त कर रही है, और साथ ही कई योजनाओं पर काम भी कर रही है
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