झारखण्ड: स्वास्थ्य मंत्री ने लिया संज्ञान, 3 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश, मामला चान्हो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जिन्दा युवक को मृत बताने का
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने चान्हो स्वास्थ्य केंद्र की घटना पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव को 3 दिनों में जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। दरअसल लोहरदगा जिले के कैरो थानाक्षेत्र के खरता गांव में एक युवक को करंट लगा था। इस मामले में मौत घोषित करने को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई . युवक को जिंदा रहते ही चान्हो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. बाद में जब शव पोस्टमार्टम के लिए रिम्स पहुंचा, तो वहां पोस्टमार्टम से पहले पता चला कि युवक जिंदा है. इसके बाद युवक को तत्काल आईसीयू में भर्ती कराया गया. जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई. खरता गांव निवासी केंदरा उरांव का पुत्र जितेंद्र उरांव गांव में ही लगाए गए टेंट को खोल रहा था. टेंट खोलने के क्रम में ऊपर से गुजरे 11 हजार वोल्ट की चपेट में वह आ गया. जिससे बुरी तरह झुलस गया. मामले की जानकारी जितेंद्र के परिजनों को मिली, तो उन्होंने ग्रामीणों की सहायता से जितेंद्र को आनन-फानन में इलाज के लिए रांची जिले के चान्हो स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां जांच के उपरांत चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया. मामले की सूचना मिलने पर चान्हो थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रांची स्थित रिम्स भेज दिया. साथ ही कैरो थाना पुलिस को भी घटना की सूचना दे दी. रिम्स के पोस्टमार्टम विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि युवक के दिल की धड़कन मिल रही थी, इसलिए पोस्टमार्टम नहीं किया गया. परिजनों से कहा गया कि वे युवक को इमरजेंसी में ले जायें. इमरजेंसी के डॉक्टरों ने जब वहां से युवक को मृत घोषित कर दोबारा भेजा तब उसका पोस्टमार्टम किया गया. वहीं, युवक के परिजनों का कहना है कि समय पर युवक का इलाज किया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी. युवक की मौत के लिए परिजनों ने चान्हो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को दोषी बताया है.
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