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Jharkhand: पंचायत का दिलदहला देने वाला फैसला, 4 बच्चों की मां और कथित प्रेमी को पेड़ से बांधकर रातभर पीटा, कपड़े उतारकर पूरे गांव में नंगा घुमाया, हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

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दुमका- झारखंड के दुमका में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। चार बच्चों की मां और उसके कथित प्रेमी पंचायत ने गांव में निर्वस्त्र घुमाया। दोनों को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पूरी रात पीटा गया। सुबह किसी ने पुलिस को मामले की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को छुड़ाया। घायल अवस्था में दोनों को फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। पुलिस ने मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। झारखंड हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।

बताया जा रहा है कि घटना शनिवार देर रात दुमका के मसलिया थाना क्षेत्र के नयाडीह पंचायत की है। बर्बरता का शिकार हुई महिला आदिवासी समाज की है। इस वारदात को अंजाम देने में गांव के 2 दर्जन से अधिक लोग शामिल थे। इसमें 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। महिला और पुरुष दोनों शादीशुदा हैं। दोनों के परिवार के बीच बेहतर रिश्ते हैं। इस लिए यह लोग एक दूसरे से मुलाकात होने पर अक्सर बातचीत करते थे। यह बात कुछ लोगों को खटक रही थी। गांव के कुछ लोगों ने एक गुप्त पंचायत कर दोनों को सजा देने का फैसला किया। इस सजा के अमल की जिम्मेदारी गांव के ही कुछ लोगों को दी गई।

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पीड़िता ने बताया है कि रात में वह शौच कर लौट रही थी। इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने पकड़ कर पेड़ से बांध दिया, जहां ग्रामीणों ने पहले से सुनील नाम के व्यक्ति को महिला का कथित प्रेमी बताते हुए पेड़ से बांध रखा था। इसके बाद दोनों को पीटा गया। घटना को अंजाम देने के बाद ग्रामीणों ने मामले को दबाने की कोशिश की। महिला और उसके प्रेमी पर पुलिस के सामने बयान नहीं देने का दबाव बनाया गया। बयान देने पर जान से मारने की धमकी दी गई, लेकिन मामला उजागर हो गया। थाना प्रभारी ईश्वर दयाल मुंडा ने बताया कि पीड़ित आदिवासी महिला के बयान पर दस लोगों को नामजद आरोपित बनाया है। चार फरार की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

इधर, हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला प्राधिकार के सचिव ने मेडिकल कालेज अस्पताल जाकर इलाजरत महिला व पुरुष से मुलाकात की। हर संभव सहयोग का वादा करते हुए अनाज दिया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने जिला सचिव विश्वनाथ भगत को एक घंटे के अंदर सारी रिपोर्ट देने को कहा। केस लड़ने के लिए प्राधिकार अपने खर्च पर वकील देगी। सभी को मुआवजा दिलाया जाएगा। अस्पताल में उन्हें हर तरह की सुविधा दी जाएगी। साथ ही दोनों पीड़ित को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाया जाएगा।

 

 

 

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