पटना- बिहार विधानसभा के बजट सत्र में CPI(ML) के विधायक मनोज मंजिल ने बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. उन्होंने गरीबों की घटती आमदनी और अमीरों के और अमीर होने का मुद्दा भी उठाया. चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और शिक्षा पर सीधे-सीधे उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि युवाओं के हित में दो दिनों का सत्र बुलाया जाए, जिसमें उनके रोजगार को लेकर बहस हो सके.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन एकोनॉमी के द्वारा जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीपीआई एमएल के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने कहा कि देश में आज 8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है. बिहार के शहरों में 18 प्रतिशत बेरोजगारी है. देश में आधी आबादी मात्र साढ़े हजार रुपये की कमाई पर गुजारा कर रही है. प्रदेश में हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार है और सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात कहती है.

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मनोज मंजिल ने रिपोर्ट के आधार पर आगे कहा कि बिहार में 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी घट गई है. वहीं, देश में 102 से 145 अरबपति हो गए. बिहार में विद्यालय, कार्यालय, न्यायालय, पुलिस सहित अन्य विभागों में 60 से 70 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. शिक्षा मंत्री जी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. जबकि तीन साल मे 37 हजार शिक्षक बहाल हुए. तीन लाख पद खाली पड़े हैं. ये सरकार नौजवानों के सपने मार रही है.
विधायक ने बीते दिनों प्रदेश में रेलवे छात्रों के द्वारा किए गए आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि ये नौजवान किसानों और मजदूरों के बच्चे हैं जो रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कर रहे थे. ये अस्पतालों में नौकरी करना चाहते हैं. रेलवे में जाना चाहते हैं. लेकिन भर्तियां नहीं है. जब नौकरियां नहीं है, तो आरक्षण किस बात का है. आरक्षण की हत्या की जा रही है.
पीएमसीएच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल के ओपीडी में 78 की जगह मात्र 21 दवा ही उपलब्ध है, और यह सरकार सुविधाओं दुरुस्त करने की बातें कहती है. अंत में उन्होंने आम लोगों की जिंदगी की हकीकत को कुछ तुकबंदी भरे शब्दों में बयां किया. विधायक ने कहा “आधी कमाई महंगाई में, आधी कमाई दवाई में, गरीब का खर्चा करीहें बाल-बच्चा की पढ़ाई में.”
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