पटना- केंद्र सरकार द्वारा खाने पीने की चीजों पर जीएसटी लगाये जाने के फैसले को लेकर जीतन राम मांझी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जन विरोधी है. जीएसटी लगाया जाने के बाद लोगों की जेबें हल्की हो रही हैं. वहीं, उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग भी की.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज सासाराम के परिसदन में मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से खाने-पीने की, रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी लगाया गया है, इससे कहीं ना कहीं सभी की परेशानियां बढ़ गईं हैं.

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मांझी ने कहा कि जबकि केंद्र सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वह देश में महंगाई व बेरोजगारी पर लगाम लगाएगी. लेकिन बढ़ती महंगाई के बावजूद भी रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी लगाना यह जनविरोधी कदम है. ऐसे में केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री मोदी को इस पर पुनः विचार करना चहिये. क्योंकि, सरकार के पास खुद के ऐसे संसाधन मौजूद हैं जिस आर्थिक समृद्धि की जा सकती है. ताकि लोगों को बढ़ती महंगाई व टैक्स से राहत मिल सके.
उन्होंने कहा कि अभी के संदर्भ में अगल-बगल के देशों में जो फाइनेंसियल क्राइसिस हुई है, उससे बचने के लिए जीएसटी लगाया गया है. पर देश के लोगों की बढ़ती महंगाई ने एक तो पहले से ही कमर तोड़ कर रख दिया है. ऊपर से यह बढ़ते टैक्स ने लोगों की जेबें खाली करके रख दी हैं. ऐसे में जाहिर है कि केंद्र के मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश पनप रहा है.
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