पटना- पटना के कंकड़बाग स्थित महावीर आरोग्य संस्थान में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आयी. इस लापरवाही के कारण एक लड़की को अपना हाथ गंवाना पड़ गया. यहां 20 वर्षीय युवती रेखा का गलत इलाज किया गया जिसके कारण उसका हाथ काटना पड़ गया है. युवती के परिजनों ने कंकड़बाग स्थित महावीर आरोग्य संस्थान की मान्यता रद्द करने के लिए और युवती को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कोर्ट का रुख किया है. परिजनों ने महावीर आरोग्य संस्थान की मान्यता रद्द करने के लिए आईएमए को भी आवेदन दिया है. रेखा मूल रूप से शिवहर जिला की रहने वाली है.
जानकारी के अनुसार, रेखा के कान में तकलीफ थी. एक छोटी सर्जरी करानी थी. इसके लिए वह महावीर आरोग्य संस्थान में गई. 11 जुलाई को कान का ऑपरेशन किया गया. उसके बाद वहां के एक डॉक्टर की प्रिस्क्राइब की हुई इंजेक्शन को एक नर्स ने लगा दिया. इसके बाद उनकी बहन रेखा के बांए हाथ में तकलीफ होने लगी. हाथ का रंग हरा पड़ने लगा और हाथ सही से काम नहीं कर रहा था. इसके बाद उन लोगों ने वहां की नर्स और डॉक्टरों को इस बात की शिकायत की लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी. डॉक्टरों ने उन लोगों के कंप्लेन के बाद भी उसके हाथ को नहीं देखा और काफी समय बाद जब डॉक्टरों ने देखा तो कहा कि यह ठीक हो जाएगा, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद से ही उनकी बहन रेखा काफी तकलीफ में थी.

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तकलीफ जब ज्यादा बढ़ गई तो अस्पताल ने आईजीआईएमएस रेफर कर दिया, लेकिन वहां उन्हें एडमिट नहीं किया गया. इसके बाद एक निजी अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टरों ने कहा कि हाथ काटना पड़ेगा. इसके बाद वह सभी दिल्ली एम्स गए. वहां भी कुछ इलाज नहीं हुआ, फिर वापस लौट कर तकलीफ बढ़ने पर पीएमसीएच भी लेकर गए, लेकिन वहां आईसीयू में बेड खाली नहीं होने की वजह से एडमिट नहीं किया गया और डॉक्टर ने कहा कि उनकी बहन को नहीं बचाया जा सकेगा. रेखा की तबीयत जब अधिक बिगड़ गई तब पटना के मेदांता अस्पताल में एडमिट कराया गया. वहां चिकित्सकों की टीम ने कोहनी के ऊपर से हाथ काट कर उनकी बहन की जान को बचाया.
रेखा की बहन रौशनी के अनुसार, चार अगस्त को दोपहर 2:00 बजे ऑपरेशन करके रेखा का हाथ काटा गया और इसके बाद 15 दिनों तक अस्पताल में ही एडमिट रहना पड़ा. रोशनी ने बताया कि अभी भी उनकी बहन काफी तकलीफ में है. रोशनी ने बताया कि रेखा बार-बार उन्हें पकड़ कर रोने लगती है और सिर्फ यही कहती हैं ‘मेरा हाथ चला गया’. उन्होंने बताया कि नवंबर में रेखा की शादी होने वाली थी, लेकिन इस घटना के बाद लड़के वालों ने शादी तोड़ दी. शादी टूटने का दुख नहीं, लेकिन हाथ खोने का दुख पूरे परिवार को है और किसी प्रकार परिवार के सभी सदस्य इसका मनोबल बढ़ाने में लगे हुए हैं. इस घटना के बाद से रेखा काफी डिप्रेशन में चली गई है और हंसती नहीं है सिर्फ उदास रहती है. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण के लिए महावीर आरोग्य संस्थान जिम्मेदार है और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं, इस मामले को देख रही एडवोकेट रूपम ने बताया कि इस मामले को कोर्ट में ले जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों पर मामला सेटलमेंट करने का दबाव आ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोर्ट से उन लोगों की एक मांग और रहेगी की युवती को कहीं कोई सरकारी नौकरी की व्यवस्था कराई जाए क्योंकि आज उनकी बहन उनकी देखभाल कर रही है, लेकिन कल जब इनकी शादी हो जाएगी तो रेखा को फिर देखने वाला कोई नहीं रहेगा. आगे इनका जीवन बसर ठीक तरीके से हो इसके लिए नौकरी की मांग की गई है और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से भी मांग है कि इस मामले को संज्ञान लें और अस्पताल पर कार्रवाई करने के साथ-साथ रेखा के लिए कहीं सरकारी नौकरी की व्यवस्था करें.
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