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20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का आज आखिरी दिन, वित्त मंत्री ने कहा बढ़ाया गया मनरेगा का बजट

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी पांचवीं और आखिरी चरण की घोषणाएं रविवार को की. उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों की घोषणाओं में कई सुधार रहे हैं जिसमें जमीन, मजदूर, लिक्विडिटी और कानून को संबोधित किया गया. वित्त मंत्री ने प्रोत्साहन पैकेज की 5वीं किस्त में सात मुद्दों मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन के बारे में जानकारी दी. वित्त मंत्री ने कहा कि शहरों से गांवों की ओर जा रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार की कमी न हो इसलिए मनरेगा का बजट 40000 करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा पब्लिक सेक्टर के लिए उन्होंने नई नीति की भी घोषणा की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट ​बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए. उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया. इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को सीधे उनके खाते में पैसा दिया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए 85 फीसदी खर्चा केंद्र सरकार दे रही है. मजदूरों को ट्रेनों में खाना दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन एजुकेशन का इस्तेमाल किया गया है. स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल में पहले 3 थे, उसमें 12 और नए चैनल जोड़े जा रहे हैं. लाइव इंटरएक्टिव चैनल जोड़े जा सकें इसलिए भी काम किया जा रहा है. राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे 4 घंटे का कंटेट दें, जिसे लाइव चैनलों पर दिखाया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने राज्यों के कर्ज लेने की लिमिट 60 फीसदी तक बढ़ा दी है. राज्यों ने अपनी उधारी सीमा का 14 फीसदी ही कर्ज लिया है. केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की योजना मनरेगा के बजट में बड़ा इजाफा किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. पहले मनरेगा का बजट 61 हजार करोड़ रुपये था, अब इसमें 40 हजार करोड़ का इजाफा किया गया है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि एमएसएमई के दिवालियापन की सीमा एक लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है. साथ ही एक साल तक दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक भी लगाई गयी है. इसके लिए कंपनी ऐक्ट में बदलाव किए गए.

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