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साहस सच दिखाने की।

झारखंड के मंत्री ने इशारे इशारे में कर दिया पीएम केयर पर तंज,कहा सीएम रिलीफ फंड में डोनेशन होता तो लोंगो को घर वापसी कराने में सहूलियत होती।

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झारखण्ड के स्वछता एवं पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पीएम केयर फण्ड को लेकर इशारे इशारे में तंज कसा है।उन्होने टवीट करते हुए लिखा है कि झारखण्ड के बड़े उद्योगपति, कारोबारी, व्यवसायी यदि पीएम केयर की बजाए सीएम रिलीफ फण्ड में राशि डोनेट किया होता तो आज मजदूर,छात्र और बाकि प्रवासियों के लिए सरकार बेहतर व्यवस्था कर सकती थी। उन्होंने लिखा है कि एक-एक मजदूर और छात्र का किराया राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जा रहा है.

सीएम प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य में रोजगार समेत अन्य व्यवस्था करने की बात भी कह चुके हैं।

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इससे पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि राज्य की स्थिति ऐसी नहीं है कि तमाम प्रवासियों के लिए रोजगार समेत अन्य व्यवस्था सरकार स्वयं कर सके। उन्होंने केंद्र से सहायता की अपील भी की थी. बताते चलें की COVID -19 की महामारी के बाद 28 मार्च 2020 को पीएम केयर फण्ड बनाया गया था। इस कोष का उपयोग महामारी के खिलाफ मुकाबला करने ,रोकथात, और राहत प्रयासों के लिए करने की बात कही गयी थी। हालाँकि फण्ड बनने के बाद से ही यह लगातार सवालों के घेरे में है.

सोनिया गांधी ने पीएम केयर के फंड को पीएम राहत कोष में ट्रांसफर करने की कर चुकी है मांग।

पूर्व में पीएम केयर को लेकर कांग्रेस नेतृत्व भी सवाल उठाता आया है। सोनिया गांधी केयर के पैसे को पीएम राहत कोष में जमा करने की मांग भो कर चुकी है। इसके अलावा शशि थरूर ने भी पीएम केयर पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने कहा था कि इसका नाम PMNRF क्यों नहीं रखा जाता है. उन्होंने इसकी पारदर्शिता पर भी सवाल उठाये थे।
बता दें की पीएम केयर फण्ड का संचालन पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के माधयम से होगा जिसके चेयरमैन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। इनके सदस्यों में वित्त मंत्री और गृह मंत्री भी शामिल हैं.

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