रांची- झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को पीएमएलए कोर्ट से झटका लगा है. अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस याचिका पर 1 मई को बहस हुई थी. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को 4 मई तक लिखित तौर पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दलीलें रखी थी. उनका कहना था कि ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. ऐसे में उनके खिलाफ शेड्यूल ऑफेंस का मामला नहीं बनता है. उनके मुवक्किल को राजनीति से प्रेरित होकर फंसाया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.
दूसरी तरफ ईडी की ओर से जोएब हुसैन ने जमानत की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि हेमंत सोरेन प्रभावशाली व्यक्ति हैं. अगर उन्हें जमानत मिल गई, तो वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं. ईडी ने जो दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं, इससे साफ है कि जमीन घोटाले में उनकी सीधी संलिप्तता है.
- Advertisement -
विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)
इधर, रांची में हेमंत सोरेन के वकील प्रदीप चंद्रा ने कहा कि कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है. उसका वह सम्मान करते हैं. लेकिन वह बेल करवाने के लिए अपर कोर्ट का रुख करेंगे. हेमंत सोरेन के वकील ने बताया कि उन्हें भरोसा है कि उच्च न्यायालय से उन्हें राहत दी जाएगी.