पटना- बिहार में 12 फ़रवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही सियासत गरमा गई है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान नई सरकार की टेंशन बढ़ा रहे हैं. सोमवार को मांझी ने सार्वजनिक मंच से अब मंत्रालय बंटवारे पर असंतुष्टि जाहिर कर दी है और दुख भी जताया है. मांझी का कहना था कि हमें (HAM) कोई बड़ा विभाग/मंत्रालय क्यों नहीं दिया जाता है. जब मै मंत्री था, तब भी एससी-एसटी मंत्रालय दिया गया था. अब बेटे संतोष को भी यही विभाग दिया है.
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसे मुद्दा बनाकर असंतोष जाहिर कर दिया है. मांझी ने HAM कोटे से मंत्री संतोष सुमन को एससी-एसटी कल्याण विभाग मिलने पर खुलेमंच से कहा, मैं मंत्री था तब भी यही विभाग मिला और मेरे बेटे संतोष को भी एससी-एसटी कल्याण विभाग ही मिलता है. उन्होंने सवाल किया- क्या पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग का काम हम लोग नहीं कर सकते हैं? मुझे इस बात का दुख है. मांझी रविवार को गया के वजीरगंज में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
बता दें कि 28 जनवरी को बिहार में तख्तापलट हुआ और एनडीए सरकार बनी थी. hइधर, जीतनराम मांझी की तरफ से लगातार यह कहा जाता रहा है कि दूसरे खेमे से डिप्टी सीएम और सीएम पद का ऑफर मिल रहा है. उसके बावजूद वो एनडीए के साथ खड़े हैं. अब एनडीए की सरकार में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन को जो विभाग दिया गया है, वो वही पुराना मंत्रालय है जिसकी जिम्मेदारी पहले भी महागठबंधन की सरकार में संतोष के पास रही है.
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गौरतलब है कि बिहार की सियासत में दांव-पेच से माहौल गरमाया हुआ है. HAM की कोशिश है कि नई सरकार में एक महत्वपूर्ण विभाग लिया जाए या एक और मंत्री की मांग को आगे बढ़ाया जाए. चूंकि जीतनराम मांझी के बारे में चर्चा होती रही है कि वो महागठबंधन खेमे के संपर्क में है. ऐसी खबरें बार-बार आईं और मंत्री संतोष सुमन ने इन इन खबरों को खारिज किया.