डेस्क- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का निधन हो गया है. 72 साल की उम्र में उन्होंने एम्स में अंतिम सांस ली.
येचुरी लंबे वक्त से बीमार थे, उन्हें 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उन्हें एम्स के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था. एम्स सूत्रों के मुताबिक फेफड़ों में संक्रमण और मल्टी ऑर्गन फेलियोर के चलते उनका निधन हुआ है.
मूल रूप से येचुरी दक्षिण भारत के रहने वाले थे। येचुरी देश में वामपंथ के सर्वाधिक पहचाने जाने वाले चेहरों में से एक थे और वह एक ऐसे उदार वामपंथी नेता थे जिनके मित्र सभी राजनीतिक दलों में थे.
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येचुरी विभिन्न मुद्दों पर राज्यसभा में अपने सशक्त और स्पष्ट भाषणों के लिए जाने जाते थे. वह बहुभाषी थे और हिंदी, तेलुगु, तमिल, बांग्ला तथा मलयालम भी बोल सकते थे. वह हिंदू पौराणिक कथाओं के भी अच्छे जानकार थे.
अक्सर अपने भाषणों में खासकर भाजपा पर हमला करने के लिए उन संदर्भों का इस्तेमाल करते थे. वह नरेन्द्र मोदी सरकार और इसकी उदार आर्थिक नीतियों के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे.
हालांकि, 2024 के आम चुनाव के दौरान, जब एकजुट विपक्ष के लिए बातचीत शुरू हुई और विपक्षी दल एक साथ मिलकर ‘इंडिया’ गठबंधन बनाने लगे, तो माकपा इसका एक हिस्सा थी और येचुरी गठबंधन के प्रमुख चेहरों में से एक रहे.
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राहुल गांधी ने येचुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे. वह आईडिया ऑफ इंडिया के रक्षक थे. हमारे देश के बारे में उनकी समझ बहुत गहरी थी. उनके साथ हुए लंबे विमर्श को मैं बहुत मिस करूंगा. इस मुश्किल घड़ी में मैं उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.