रांची- ट्रैफिक जाम के मसले पर सूबे के डीजीपी, रांची के डीसी, एसएसपी और ट्रैफिक एसपी आज जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए. मौखिक टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ मंत्रियों और राजनीतिज्ञों के लिए है. जब हाईकोर्ट के जज सुरक्षित नहीं हैं तो दूसरे कोर्ट के जज भी असुरक्षित होंगे.
दरअसल, 23 अगस्त को भाजपा युवा मोर्चा की मोरहाबादी में आक्रोश रैली थी. रैली के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी. इस कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी. हालत ये हो गया कि कांके रोड पर सीएम आवास के पास हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी भी घंटों में जाम में फंसे रहे.
जाम में फंसने की वजह से न्यायाधीश एसके द्विवेदी की कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लिया था.जिसके बाद आज उन्होंने डीजीपी, रांची डीसी, एसएसपी और ट्रैफिक एसपी को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया. उक्त सभी अधिकारी अदालत के समक्ष पेश हुए. सुनवाई के दौरान DGP ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि भविष्य में इस तरह की घटना नहीं होगी.
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वहीं अदालत ने जाम की समस्या पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नेता या मंत्री सड़क पर निकलते हैं तो उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है. लेकिन आम लोगों को जाम में फंसे रहने के किए छोड़ दिया जाता है. हूटर बजाकर लोगों के साथ जानवर जैसा व्यवहार किया जाता है. अदालत ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की बेंच में ट्रांसफर कर दिया है.