रांची- झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 31 जनवरी को दिन के एक बजे से जो राजनीति नाटक शुरू हुआ, जिसके मुख्य किरदार कई लोग बने. और उसे रूपांतरित करने में एक केंद्रीय एजेंसी का सहारा लिया गया, लोगों ने यह भी देखा. लोगों ने अपने राज्य के संवैधानिक प्रमुख को भी देखा, लोगों ने यह भी देखा कि यह राज्य 40 घंटे तक अनिर्णय की स्थिति में था, अभिभावक हीन था, कार्यकारी प्रमुख कोई नहीं था.
सुप्रियो पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के इस्तीफा के बाद राज्य में जो स्थिति बनी उसे सबने देखा. यह केवल और केवल असंवैधानिक साजिश थी. कल के घटनाक्रम के बाद राज्यपाल महोदय का दिल्ली जाना, ये संपूर्ण चीजें आप देखेंगे, तो आपको लगेगा कि किस प्रकार केंद्र की सत्ता डरी हुई है. भाजपा के लोग डरे हुए हैं. मैं पूरी जिम्मेवारी के साथ कहता हूं. राष्ट्रीय और प्रदेशस्तर के कई नेता मुझे फोन करके शोक संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए था. इस राज्य के करीब 4 करोड़ लोग, चौक-चौराहों पर, कार्यालयों में अस्पतालों में, होटल और बाजार में घूम रहे हैं, जो लोग भी हैं, सबका एक ही विचार है, ऐसा नहीं होना चाहिए था. ऐसा हुआ, यह जो हुआ इसकी परिकल्पना हमलोग 29 दिसंबर 2019 को शाम से ही व्यक्त कर रहे थे. जब मोरहाबादी मैदान में हेमंत सोरेन जनता के समक्ष शपथ ग्रहण कर रहे थे, जो कि एक भारी चोट थी, भाजपा के लिए.
उन्होंने कहा कि भाजपा 2014 से 2019 तक इस राज्य के अस्तित्व को मिटाने की परिकल्पना कर रही थी. वो जनता के द्वारा नकारे गए. लेकिन यह राजनीतिक ढीठ लोग हैं, इनका एक मंत्र है, कि जनता ने आर्शीवाद दिया, तब तो सरकार बनाओ. यदि जनता ने नकारा तो सरकार जरूर बनाओ. इसका उदाहण कर्नाटका ने देखा था. एमपी ने देखा था. महाराष्ट्र ने देखा था. बिहार ने हाल के दिनों में देखा. हमलोगों को मालूम था. क्योंकि जो जन-जन का नारा था, हेमंत है तो हिम्मत है, वह जानता था कि हिम्मत के साथ आगे नहीं घुस नहीं पाएगा. इसलिए चोर दरवाजा से अंदर आने का प्रयास किया. साजिश बनाओ. आज लगता है 72 घंटे हो गए, रिमांड आ गया, लेकिन क्या आपको मालूम चला कि धारा क्या लगी गिरफ्तारी की. कौन सी जमीन की बात की गई. उसका कोई डॉक्यूमेंट्री एविडेंस है कि नहीं.
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सुप्रियो ने कहा कि राज्यपाल ने किस आधार पर बहुमत सिद्ध करने को कहा. किस चीज का विश्वास मत साबित करने की बात कर रहे हैं. राज्यपाल महोदय जितनी संख्या हमारी पहले थी, अभी भी हमारे पास है. 47 विधायक अब भी हैं. पार्टी जल्द ही श्वेत पत्र जारी करेगी और बताने का काम करेगी कि कैसे गैरकानूनी तरीक़े से राजनीतिक तरीके से परेशान किया गया है.