डेस्क- टाटा मोटर्स ने सिंगूर-नैनो प्रोजेक्ट केस में पश्चिम बंगाल सरकार से मुआवजे का केस जीत लिया है. टाटा मोटर्स लिमिटेड ने कहा कि एक मध्यस्थता पैनल ने सिंगूर-नैनो प्रोजेक्ट केस में पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम से ब्याज समेत 766 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उसके पक्ष में फैसला सुनाया है. टाटा कंपनी ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में ऑटोमोबाइल विनिर्माण सुविधा के संबंध में पूंजी निवेश के नुकसान के कारण WBIDC से मुआवजे का दावा किया था. WBIDC पश्चिम बंगाल के उद्योग, वाणिज्य और उद्यम विभाग की प्रमुख नोडल एजेंसी है.
कंपनी को इसके साथ ही कार्यवाही की लागत के लिए 1 करोड़ रुपये भी वसूल करेगी. बयान में कहा गया है कि फैसले के बाद आर्बिट्रल प्रोसिडिंग्स यानी मध्यस्थता की कार्यवाही खत्म हो गई है.
ये है मामला-
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पश्चिम बंगाल की सीपीएम सरकार ने टाटा मोटर्स को लखटकिया कार नैनो बनाने के लिए सिंगूर में 1000 एकड़ खेती वाली जमीन अलॉट किया था. जिसपर टाटा मोटर्स ने कार बनाने के लिए प्लांट पर निवेश भी किया था. लेकिन इस आवंटन का भारी राजनीतिक विरोध हुआ है जिसकी अगुवाई राज्य की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था. किसानों ने भी जमीन अलॉटमेंट का विरोध किया. इस विरोध के चलते टाटा मोटर्स ने लखटकिया कार के प्लांट लगाने के फैसले को रद्द कर दिया. टाटा मोटर्स ने बाद में गुजरात के साणंद में नैनो कार प्लांट को लगाया. हालांकि अब नैनो कार का प्रोडक्शन कंपनी बंद कर चुकी है.