पटना- भारतीय रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. बिहार के पटना, नालंदा और कर्नाटक के मैंगलूरु में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. ईडी की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. सूत्रों की मानें तो रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी.
बताया जा रहा है कि इसमें रेलवे के न्यायिक अधिकारी, वकील और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की बात सामने आई थी. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई और तत्कालीन जस्टिस उदय यू ललित की बेंच के निर्देश पर सीबीआई की ओर से केस दर्ज किया गया था.
सीबीआई द्वारा दर्ज केस दर्ज के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने इस केस को टेकओवर किया था. जांच एजेंसी द्वारा रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आरके मित्तल वकील बी. एन सिंह के खिलाफ सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई कर रही है. इस मामले में कई जुडिशल अधिकारी और वकीलों के साथ साथ कई सरकारी कर्मचारी की भूमिका भी खंगाली जा रही है.
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वहीं नालंदा में जदयू नेता सह अधिवक्ता परमानंद सिंहा उर्फ सुमन पटेल के आवास पर करोड़ों की धोखाधड़ी मामले में ED की रेड चल रही है. सूत्रों की मानें तो परमानंद सिंहा की इस घोटाले में अहम रोल होने का शक है. ईडी की टीम उनके घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त कर ले गई. बता दें कि परमानंद सिंहा की पत्नी अर्चना सिंहा जिला परिषद सदस्य हैं.
अधिवक्ता परमानंद सिंहा उर्फ सुमन पटेल रेलवे क्लेम लोगों को दिलाते हैं. सुबह 5 बजे 2 गाड़ियों से ईडी की टीम इस्लामपुर थाना के मुजफरा गांव पहुंची. ईडी की टीम 10 घंटों से जांच पड़ताल में जुटी हुई है. ईडी की यह कार्रवाई बिहार के पटना और नालंदा के अलावा कर्नाटक के मैंगलुरु में भी चल रही है.
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