डेस्क- बिहार के बांका जिले में एक घर से तीन अर्थियां एक साथ उठी. जब एकसाथ मां-पिता और बेटे की अर्थी उठी तो पूरा गांव रो पड़ा. लोग इस दर्दनाक घटना पर अफसोस जता रहे थे. कर्ज के मकड़जाल ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया.वहीं, बचे हुए दो बच्चे अस्पताल में इलाजरत हैं.
दरअसल, यह परिवार ग्रुप लोन की जाल में उलझकर तबाह हो गया. कर्ज के बोझ से परेशान परिवार के पांच लोगों ने बीते शुक्रवार की रात करीब दो बजे जहर खा लिया.पति-पत्नी ने खुद भी सल्फास की गोली खायी और अपने तीन बच्चों को भी मिठाई में जहर मिलाकर खिला दिया. पति-पत्नी और एक बेटे की इस घटना में मौत हो गयी जबकि दो बच्चों का इलाज चल रहा है.
कर्ज के बोझ से दबा अमरपुर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव के मृतक कन्हाय महतो ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. जबकि उनकी पत्नी गीता देवी अपने बच्चों के साथ इंगलिशमोड़ चौक पर नाश्ते की दुकान चलाती थी.
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बताया जा रहा है कि उन्होंने लोन की राशि से ऑटो खरीद रखा था. मृतक दंपति ने विभिन्न नॉन बैंकिंग सहित कई रसुखदारों से भी कर्ज ले रखा था. कर्ज के तगादे से तंग आकर अपने बच्चों के साथ दंपति ने सल्फास की गोली खा ली. जिससे दंपति व उनके पुत्र की मौत हो गयी. जबकि एक पुत्री व एक पुत्र का इलाज भागलपुर में जारी है.