बिहार- यूं तो छठ महापर्व हिन्दुओ का ही पर्व माना जाता है. लेकिन इस पर्व की महिमा ऐसी है कि इसमें धर्म की दीवारें टूट जाती है. ऐसा ही मोतिहारी में देखने को मिल रहा है जहां तीन मुस्लिम महिलाएं छठ का व्रत कर रही हैं. मोतिहारी के सदर प्रखंड स्थित बासमनपुर पंचायत स्थित लक्ष्मीपुर गांव की ये तीनों मुस्लिम महिलाएं पूरे विधि-विधान से व्रत कर रही हैं.
व्रती 50 वर्षीय हसीना खातून ने बताया कि मेरे बेटे की शादी हुए दस साल हो गये थे, लेकिन पुत्र नहीं हो रहा था. आसपास के लोगों के कहने पर पौत्र के लिए संकल्प लिया जो छठी माता की कृपा से पूरा हुआ उसके बाद से व्रत कर रही हूं. बताया कि व्रत की राह आसान नहीं थी.
समाज में रोध-अवरोध के बीच व्रत रखा और बासमनपुर मन में भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इसी प्रकार 35 वर्षीय जमीला खातून और 60 वर्षीय दरउदा खातून भी छठ पूजा करती है. इससे उन सभी की आस्था बढ़ी. वे लगातार छठ करने लगी. इसमें उनका सहयोग हिंदू समाज के लोग भी करते हैं.
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छठ पर्व के लिए मुस्लिम महिलाएं, हिंदू समाज के छतों पर गेहूं सहित अन्य सामग्री सुखाती है, ताकि वह पवित्र रहे. महिलाओं ने बताया कि हम लोग विधि-विधान से महापर्व कर रहे है. नहाय-खाय से लेकर खरना तक और अर्ध्य भी दे रहे हैं. उनके घरों में छठ के गीत भी बज रहे हैं.