डेस्क- लेजेंडरी एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को इंडियन सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. एक्टर को ये अवॉर्ड 8 अक्टूबर 2024 को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान प्रेजेंट किया जाएगा.
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर मिथुन के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा- बहुत गर्व और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मेरे पिता सेल्फ मेड सुपरस्टार और महान नागरिक हैं. उनकी लाइफ जर्नी कईयों के लिए इंस्पायरिंग रही है. उन्हें मिले इस सम्मान से हम सभी बहुत खुश हैं.
कोलकाता में जन्में मिथुन पेशे से एक्टर, प्रोड्यूसर और पॉलिटिशियन हैं. एक्टर 350 से ज्यादा फिल्मों में नजर आए हैं. इनमें हिंदी, बंगाली, तमिल, भोजपुरी, तेलुगू, कन्नड़, पंजाबी मूवीज शामिल हैं. साल 1977 में फिल्म ‘मृगया’ से मिथन ने एक्टिंग डेब्यू किया था. पहली ही फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था.
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मिथुन ने 1978 में बंगाली सिनेमा में मूवी Nadi Theke Sagare से डेब्यू किया. 2008 में मिथुन भोजपुरी फिल्म ‘भोले शंकर’ में नजर आए थे. कहा जाता है ये अब तक की सबसे बड़ी भोजपुरी फिल्म है.
फिल्मों के बाद मिथुन ने टीवी पर भी अपनी धाक जमाई है. एक्टर ने कई डांस शोज जज किए हैं, जैसे ‘डांस इंडिया डांस’, ‘हुनरबाज-देश की शान’. 74 साल की उम्र में भी मिथुन फिल्मों में एक्टिव हैं. उनकी पिछली हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ थी.
वहीं, मिथुन ने राजनीति में भी हाथ आजमाया. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने 2011 में जब बंगाल की सत्ता संभाली तो उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को राजनीति से जोड़ा. मिथुन चक्रवर्ती को टीएमसी ने राज्यसभा से सांसद भी बनाया, लेकिन 2016 के अंत में उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और राजनीति से संन्यास ले लिया.
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2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कोलकाता में मिथुन चक्रवर्ती बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने मिथुन चक्रवर्ती को विधानसभा चुनाव में पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया. मिथुन ने भी पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगाया लेकिन पार्टी को 294 में से 77 सीटों पर ही जीत मिली. बीजेपी को मिथुन चक्रवर्ती से जैसी उम्मीद थी वेसी जीत वह पार्टी को नहीं दिला सके.